The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
Blog Article
हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
The mother chook Maina desires his affection, His remaining facet adorns an enchanting variety. He retains a trident in his hand, a image of ability, Usually destroying the enemies.
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
सेवक स्तुति करत shiv chalisa lyricsl सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी